पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना चाहती हूँ पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना...
कोई पूछे तो सही भला यह वक़्त क्या है!कोई बताए तो सही कि इसकी तपिश क्या है! कोई पूछे तो सही भला यह वक़्त क्या है!कोई बताए तो सही कि इसकी तपिश क्या है!
कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से भूल जाऊँ। कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से...
इस शोर मचाती दुनिया के बीच अपनी आवाज़ की अलग ही खनक है। इस शोर मचाती दुनिया के बीच अपनी आवाज़ की अलग ही खनक है।
गम में भी चेहरा तो देखो जरा, किस तरह हंसी में सलामत है। गम में भी चेहरा तो देखो जरा, किस तरह हंसी में सलामत है।
अपनी ढाल मैं खुद हूँ, आत्मनिर्भर बनने दो मुझे। अपनी ढाल मैं खुद हूँ, आत्मनिर्भर बनने दो मुझे।